जमशेदपुर (टाटानगर) प्लास्टिक की सड़कों के लिए है प्रसिद्ध इन पर दौड़ती हैं गाड़ियां |

भारत के झारखंड राज्य का एक शहर है जमशेदपुर (टाटानगर) जहा पर हमारे द्वारा वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग करके  इससे  सड़क का निर्माण किया गया है । जो बेहद ही मजबूत और तकु है | और इस सडक का निर्माण जमशेदपुर यूटिलिटी सर्विसेस कंपनी (जुस्को) ने बनवाया था । आपको निचे दी गयी इमेज में ये मालूम न हो की यह सडक वेस्ट प्लास्टिक की मदद से बनाई गयी है | यही नही इन पर रोज हजारों गाड़ियां आराम से बेधडक चलती है । जमशेदपुर (टाटानगर) खास तौर से टाटा स्टील के प्लांट की वजह से जमशेदपुर आज के समय में पूरे देशभर में प्रसिद्ध है । जमशेदपुर में अब तक ऐसी ही प्लास्टिक की  22 किमी लंबी सड़क बनाई जा चुकी है । 30 नवंबर 2011 को पहली बार साकची बागे जमशेद स्कूल से जुबिली पार्क के मुख्य द्वार तक इसी ही प्लास्टिक वेस्ट से सड़क बनाई गई थी । जो बेहद ही मजबूत है | अब बात है टाटा स्टील के बारे में तो  आपको यह जानना भी जरूरी है की 1907 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को) की स्थापना से इस शहर की नीव पड़ी । और इसी जगह को ढूंढने में भूवैज्ञानिकों को करीब 3 साल का लम्बा समय लगा था ।अगर इन  प्लास्टिक की सड़कों की बात की जाये तो ये एन्वायरमेंट के लिए भी वेस्ट प्लास्टिक से बने रोड काफी फायदेमंद हैं ।
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वेस्ट प्लास्टिक से बने रोड

प्लास्टिक की सड़क को बनाने की प्रक्रिया क्या है 

1. पहले चरण में प्लास्टिक कचरा जमा कर एक विशेष मशीन के द्वारा इस प्लास्टिक वेस्ट के 2 से 4 मिमी के आकार में टुकड़े-टुकड़े किए जाते हैं । 
2 दुसरे चरण में  एक किमी लंबी सड़क के निर्माण में 11 टन अलकतरा का लगता है । इस कम  में 10 टन अलकतरा के साथ-साथ  एक टन प्लास्टिक वेस्ट का उपयोग होता है । 
3.तीसरे चरण में इसे अलकतरा के साथ मिलाने से पहले गिट्टी में प्लास्टिक के टुकड़े डाले जाते हैं । उसके बाद इस मेटेरियल को 160 डिग्री सेल्सियस तापमान पर गर्म किया जाता है । इस तापमान पर प्लास्टिक पिघल कर गिट्टी पर एक परत बना देता है, और इस परत को सड़क पर बिछाया दिया जाता है ।
4. इस तरह की प्लास्टिक सड़क को बनाने में जो प्लास्टिक वेस्ट कम में लाया जाता है , उसमें आमतौर से हमारे द्वारा उपयोग में लिया गया कैरी बैग, पान मसाले के रैपर, बिस्किट के रेपर, चॉकलेट के रैपर, प्लास्टिक के कप और गिलास,    दूध और किराने के सामानों की पैकिंग वाले प्लास्टिक उपयोग में लिए जाते है जिन्हें हम खासतौर पर उपयोग में लेने क बाद फेक देते है | इन सब वेस्ट का उपयोग करके ही इन प्लास्टिक सडको का निर्माण किया जाता है|
5. सडक बनाने के बाद के चार महीने की उपयोगिता के बाद इसमें पाया गया कि प्लास्टिक और एस्फाल्ट के मिश्रण से निर्मित इन सड़कों पर कोई दरार नहीं आई और उनकी गुणवत्ता वैसे की वेसी ही बरकरार रही और काफी मजबूत है ।

प्लास्टिक से बने रोड के क्या-क्या फायदे है 

1. बारिश के मौसम के अलावा पानी और जल जमाव में कटाव नही होता है ।
2. प्लास्टिक की रोड कोलतार की सडक के बजाय काफी मजबूत होती है ।
3. डामर के रोड की बजाय प्लास्टिक रोड की लाइफ काफी हद तक बढ़ जाती है ।
4. भरी वाहनों का लोड सहने की क्षमता ज्यादा होती  है।
5. इस तरह की सडको के  मेंटेनेंस कॉस्ट में काफी कमी आती है ।
इस तरह से प्लास्टिक वेस्ट से सडको का निर्माण किया जाता है जो काफी मजबूत होने के साथ-साथ ही एन्वायरमेंट के लिए भी काफी फायदेमंद है | और यह अन्य सडको के अलावा काफी सस्ती होती है|

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